जनरेशन गेप मतलब दो पीड़ियों कै बीच विचारों का रिक्त स्थान।यह कोई जादू नहीं की एक दिन में ही कम हो जाए ।
इसको यूं कहे तो ज्यादा अच्छा हैं बच्चों के दोस्त बन जायं तो कैसा रहेगा इससे दूरियाँ कम होगी । इसमें प्रथम प्रयास माता का रहेगा । आप ने अभिमँयु के चक्र व्यू की रचना के बारे में सुना भी होगा और पड़ा भी होगा ।
माता निर्माता भवति अर्थात माता ही बच्चों क़ा निर्माण करती हैं ।बच्चे को जन्म से से पूर्व ही शिक्षा दी जा सकती है अच्छा सहित्य पड़ कर,और अपने अच्छे विचारों से ।
बच्चों के साथ बच्चे बन कर उनके साथ खेलिये। उन्हीं के स्टाइल में खेलिए । उनको विशवास दिलाएं की आप उनके अच्छे मित्र हैं। उनकी बात किसी से नहीं बताएँगे॥
धीरे धीरे वो अपने मन की बात आप को बताने लगेगा । अब आप उनका मार्गदर्शन कर सकते है। आगे तुम्हारी मर्जी कह कर निगाह रख सकते हैं ॥
हमेशा आप ही सही हो जरूरी नहीं हैं। जो बात आप को पसंद नहीं हैं , अपने को बच्चे के नजरिए से भी देखें ।
आज क़ा युग विज्ञान का युग हैं ।आज तर्क हैं उसको आपको समझना जरूरी हैं
चाहे पुत्र हो या पुत्री उनकी बात सुनने क़ा प्रयास करें । जरूरी नहीं कि उनकी बात का जवाब आप तुरंत दें, विचार करें । अपने को उनकी स्तिथि पर अपने को रखे । आप भी कुछ ना छुपाएं। हमेशा सत्य ही बोले, सत्य हमेशा सत्य ही होता है । जूठ बोलने पर हर बार अलग ही झूठ होता हैं।
यदि आप चाहते हो की आप के और बच्चों के बीच गैप कम हो तो जरूरी हैं की आप अपने बड़ों के साथ सही व्यवहार रखें ।
सब से बड़ी बात हैं सहन शील बनें, त्यागी बनें ।ओर एक दूसरे के त्याग को समझने क़ा प्रयास करें।
सब्से से बड़ी एक ही बात, आप जो व्यवहार अपने बच्चों से चाहते हैं क्या वैसा ही आप अपने बड़ों के साथ करते हैं वैसा ही सम्मान उन्हें भी देते हैं क्या॥