हर प्राकृतिक बदलाव को भारतवासी एक त्यौहार और धार्मिक पर्व के रूप में मनाते है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रान्ति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में होता है अर्थात् भारत से अपेक्षाकृत अधिक दूर होता है। इसी कारण यहाँ पर रातें बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं तथा सर्दी का मौसम होता है। किन्तु मकर संक्रान्ति से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर आना शुरू हो जाता है। अतएव दिन बड़े होने लगते हैं तथा गरमी का मौसम शुरू हो जाता है और यह सर्द ऋतु से लोगों को राहत मिलने का शुभारम्भ है।
इस दिन से रातें छोटी एवं दिन बड़ा होने से प्रकाश अधिक होगा तथा रात्रि छोटी होने से अन्धकार कम होगा। अत: मकर संक्रान्ति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतनता एवं कार्य शक्ति में वृद्धि होगी।
सूर्य की उत्तरायण गति प्रारम्भ हो जाती है ,
इसलिए दुनिया मकर संक्रांति पर्व मनाती है।
मकरसंक्रांति महापर्व की आपको हार्दिक शुभकामनाएं। सूर्योदय के साथ साथ सभी के जीवन मे सुख समृद्धि निरंतर बढ़ती ही जाये।इस दिन परिवार में यज्ञ करें दान करें गायों को चारा खिलाने का बहुत महत्व है।
Dr. Balwinder shastri